✦ इब्न उमर रदी अल्लाहू अन्हु से रिवायत है की रसूल-अल्लाह सल-अल्लाहू अलैही वसल्लम ने फरमाया जिस से हो सके की वो मदीना में आकर मरे तो वही पर मरे क्यूंकी जो मदीना में मरेगा उसकी मैं शफाअत करूँगा
जामिया तिरमिज़ी , जिल्द 2, 1849-हसन
✦ अबू हुरैरा रदी अल्लाहू अन्हु से रिवायत है की रसूल-अल्लाह सल-अल्लाहू अलैही वसल्लम ने फरमाया जो शख्स मदीने की भूख और सख्ती बर्दाश्त करेगा क़यामत के दिन मैं उसका शफ़ी या गवाह बनूँगा
जामिया तिरमिज़ी , जिल्द 2, 1856-हसन
✦ इब्न उमर रदी अल्लाहू अन्हु से रिवायत है की रसूल-अल्लाह सल-अल्लाहू अलैही वसल्लम ने फरमाया तुम में से जो ये कर सके की वो मदीने में आकर मरे तो वो ऐसा ज़रूर करे इसलिए की मैं मदीने में मरने वाले के हक़ में गवाही दूँगा
सुनन इब्न माज़ा , जिल्द 2, 1269-हसन
✦ हदीस: ज़ैद बिन असलम रदी अल्लाहू अन्हु ने अपने वालिद से सुना की हज़रत उमर रदी अल्लाहू अन्हु ये कहा करते थे या अल्लाह मुझे तेरे रास्ते में शहादत नसीब फरमा और तेरे रसूल सललल्लाहू अलैही वसल्लम के शहर (मदीना) में मौत नसीब फरमा
सही बुखारी, जिल्द 3, 1890
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