हदीस : अबू हुरैरा रदी अल्लाहू अन्हु से रिवायत है रसूल-अल्लाह सलअल्लाहू अलैही वसल्लम ने फरमाया क़यामत के दिन साहिब-ए-क़ुरान आएगा तो क़ुरान अपने रब से अर्ज़ करेगा ,या अल्लाह इसको ज़ीनत अता फरमा ( या इसको संवार दे) , फिर उसको ईज़्ज़त का ताज पहनाया जाएगा , फिर वो (क़ुरान) अर्ज़ करेगा या अल्लाह इसको और ज़्यादा ज़ीनत अता फरमा ( और ज़्यादा संवार दे) , फिर उसको ईज़्ज़त का जोड़ा पहनाया जाएगा , फिर वो (क़ुरान ) अर्ज़ करेगा या अल्लाह इस से राज़ी हो जा तो अल्लाह सुबहानहु उस (साहिब ए क़ुरान) से राज़ी हो जाएगा , फिर उस से कहा जाएगा की पढ़ता जा और (दरजात पर) चढ़ता जा और हर आयत के बदले उसकी नेकियाँ ज़्यादा की जाएगी
जामिया तिरमिज़ी , जिल्द 2, 820-हसन
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