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Saturday, 30 July 2016

सही मुस्लिम, जिल्द 5, 5598

✦ मुगिरा बिन शुबा रदी अल्लाहू अन्हु से रिवायत है की जब मैं नजरान में आया तो वहां के लोगों (ईसाईयों) ने इस बात पर ऐतराज़ किया की तुम क़ुरान में (सुरह मरयम आयत 28में ) पढ़ते हो या उखता हारूना ( यानी एह हारून की बहन) , जबकि मूसा अलैही सलाम ,(मरयम अलैहि सलाम के बेटे) ईसा अलैही सलाम से बहुत साल पहले पैदा हुए थे (तो फिर मरयम अलैही सलाम हारून अलैही सलाम की बहन कैसे हो सकती है) जब मैं रसूल-अल्लाह सलअल्लाहू अलैही वसल्लम के पास आया और आपसे ये पूछा तो आप सलअल्लाहू अलैही वसल्लम ने फरमाया( ये वो हारून नहीं जो मूसा अलैही सलाम के भाई थे) बल्कि बनी इसराईल की आदत थी की वो(अपनी औलादों का) नाम नबियों और नेक लोगो के नाम पर रखते थे ( जैसे आजकल लोग अपने बच्चो का नाम नबियों के नाम से रखते हैं)

सही मुस्लिम, जिल्द 5, 5598

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