Part 2 of 2 : क़ब्र में पूछे जाने वाले चार (4) सवाल
✦ आप सलअल्लाहू अलैही वसल्लम ने फरमाया फिर एक पुकारने वाला आसमान से पुकारता है : मेरे बंदे ने सच कहा लिहाज़ा तुम इस के लिए जन्नत का बीछोना बिछा दो, और इस के लिए जन्नत की तरफ का एक दरवाज़ा खोल दो, और उसको जन्नत का लिबास पहना दो , फिर जन्नत की हवा और उसकी खुशबु आने लगती है, और हद-ए-निगाह तक उसके लिए क़ब्र कुशादाह (चौड़ी) कर दी जाती है .
✦ और रहा काफ़िर तो आप सलअल्लाहू अलैही वसल्लम ने उसकी मौत का ज़िक्र किया और फरमाया उसकी रूह उसके जिस्म में लोटा दी जाती है, इस के पास दो फरिश्ते आते हैं, उसको उठाते हैं और पूछते हैं : तुम्हारा रब कौन है? वो कहता है : हा हा ! मुझे नही मालूम,
वो दोनो फिर उस से पूछते हैं : वो साहब कौन हैं जो तुम्हारी तरफ भेजे गए थे ?
वो कहता है : हा हा ! मुझे नही मालूम, फिर वो दोनो उस से पूछते हैं : तुम्हारा दीन क्या है? वो कहता है : हा हा ! मुझे नही मालूम, तो पुकारने वाला आसमान से पुकारता है : इसने झूठ कहा, इसके लिए जहन्नुम का बिछोना बिछा दो और जहन्नुम का लिबास पहना दो, और इस के लिए जहन्नुम की तरफ दरवाज़ा खोल दो, तो इसकी तपिश और इस की ज़हरीली हवा आने लगती है और इस की क़ब्र तंग कर दी जाती है यहाँ तक के उसकी पसलियां इधर से इधर हो जाती हैं
✦ ज़रीर रदी अल्लाहू अन्हु की रिवायत में यह इज़ाफ़ा है फिर इस पर एक अँधा गूंगा (फरिश्ता) मुक़र्रर कर दिया जाता है, इस के साथ लोहे का एक ऐसा हथोड़ा होता है अगर वो उसको किसी पहाड़ पर भी मारे तो वो भी खाक हो जाए, फिर वो उस पर (काफ़िर पर) इसकी एक जर्ब (चोट) लगाता है जिस को मशरिक़ और मगरिब के दरम्यान की सारी मखलूक़ सिवाए आदमी और जिन्नात के सब सुनते हैं, और उसके बाद वो मिट्टी हो जाता है और फिर से इस में रूह लोटा दी जाती है
सुनन अबू दाऊद, जिल्द 3, 1325-सही
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