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Sunday, 31 July 2016

मैदान ए महशर में उम्मत की शफ़ाअत – 3



✦ 17 - सीरत उन नबी सल-अल्लाहू अलैही वसल्लम 
(मैदान ए महशर में उम्मत की शफ़ाअत – 3)

✦ ….उसके बाद हुक्म होगा मुहम्मद सलअल्लाहू अलैही वसल्लम अपना सर उठाओ और अर्ज़ करो तुम्हारी अर्ज़ सुनी जाएगी, तुम्हारी दरख़्वास्त मंज़ूर होगी, तुम्हारी सिफारिश मक़बूल होगी इस वक़्त में अपने मालिक की इस तरह हम्द (तारीफ़) करूँगा जो वो मुझ को सीखा चुका है. ( या सिखलाएगा) फिर लोगों की सिफारिश शुरू कर दूँगा. सिफारिश की एक हद मुक़र्रर कर दी जाएगी. मैं उनको जन्नत में ले जाऊंगा

✦ फिर (तीसरी बार) लौट कर अपने रब के पास हाज़िर हुंगा और फिर से उसको देखते ही सजदे में चला जाऊंगा और जब तक उसको मंज़ूर होगा वो मुझको सजदे ही में रहने देगा. उसके बाद हुक्म होगा मुहम्मद सलअल्लाहू अलैही वसल्लम अपना सर उठाओ और अर्ज़ करो तुम्हारी अर्ज़ सुनी जाएगी, तुम्हारी दरख़्वास्त मंज़ूर होगी, तुम्हारी सिफारिश मक़बूल होगी इस वक़्त में अपने मलिक की इस तरह हम्द (तारीफ़) करूँगा जो वो मुझ को सीखा चुका है. ( या सिखलाएगा) फिर लोगों की सिफारिश शुरू कर दूँगा. सिफारिश की एक हद मुक़र्रर कर दी जाएगी. मैं उनको जन्नत में ले जाऊंगा 

✦ फिर (चोथी बार) लौट कर अपने रब के पास हाज़िर हुंगा और अर्ज़ करूँगा या रब अब तो दोज़ख़् में ऐसे ही लोग रह गये हैं जो क़ुरान के हिसाब से दोज़ख ही में हमेशा रहने के लायक़ हैं (यानी काफ़िर और मुशरिक) अनस रदी अल्लाहू अन्हु ने कहा की आप सलअल्लाहू अलैही वसल्लम ने फरमाया फिर दोज़ख़् से वो लोग निकाल लिए जाएँगे जिन्होने (दुनिया में ) ला ईलाहा इल अल्लाह कहा होगा और उनके दिल में एक जौ के बराबर भी ईमान होगा फिर वो लोग भी निकाल लिए जाएँगे जिन्होने ला ईलाहा इल अल्लाह कहा होगा और उनके दिल में गेहूँ के दाने के बराबर भी ईमान होगा. फिर वो भी निकाल लिए जाएगे जिन्हों ने ला ईलाहा इल अल्लाह कहा होगा और उन के दिल में चींटी के बराबर भी ईमान होगा
सही बुखारी, जिल्द 8, 7410


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