✦ अल क़ुरान : अल्लाह सुबहानहु तुम्हारी औलाद के बारे में तुमको इरशाद फरमाता है की (जायदाद में) एक लड़के का हिस्सा दो लड़कियों के बराबर है (यानी एक बेटे को जितना हिस्सा दिया जाएगा उसका आधा हिस्सा बेटी को भी देना ज़रूरी है)
सुरह निसा (4) आयत 11
✦ अबू हुरैरा रदी अल्लाहू अन्हु से रिवायत है की रसूल-अल्लाह सलअल्लाहू अलैहि वसल्लम ने फरमाया आदमी 70 साल तक (यानी ज़िंदगी भर) नेक आमाल करता रहता है फिर वसीयत के वक़्त अपनी वसीयत में नाइंसाफी कर देता है जिसकी वजह से उसका ख़ात्मा बुरे आमाल पर हो जाता है और वो जहन्नुम में चला जाता है इसी तरह आदमी 70 साल तक बुरे आमाल करता रहता है लेकिन अपनी वसीयत मैं इंसाफ़ कर देता है तो उसका ख़ात्मा बिल-खैर होता है और वो जन्नत में चला जाता है
सुनन इब्न माजा ,जिल्द 2, 861-हसन
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