✦ आयशा रदी अल्लाहू अन्हा से रिवायत है की रसूल-अल्लाह सल-अल्लाहू अलैही वसल्लम ने फरमाया
जो भी शख्स रात को (तहज्जूद) नमाज़ पढ़ा करता हो और किसी रात नींद की वजह से वो ना पढ़ सके तो अल्लाह सुबहानहु उसके लिए उस नमाज़ का अजर लिख देता है और उसकी नींद उसके लिए सदक़ा बन जाती है
सुनन नसाई, जिल्द 1, 1787-सही
No comments:
Post a Comment