✦ उम्मुल मोमीनीन जुवेरियाह रदी अल्लाहू अन्हा से रिवायत है की रसूल-अल्लाह सल-अल्लाहू अलैही वसल्लम सुबह को उनके पास से निकले , वो अपनी नमाज़ की जगह में सुबह की नमाज़ अदा कर रही थी, आप सल-अल्लाहू अलैही वसल्लम वापस चाश्त के वक़्त लौटे तो देखा की वो वही बैठी हुई हैं , आप सल-अल्लाहू अलैही वसल्लम ने पूछा की जब से मैं तुम्हे छोड़ कर गया था तब से क्या तुम इसी हाल में रही ? उन्होने कहा जी हाँ आपने फरमाया मैने तुम्हारे बाद चार कलमे 3 बार पढ़े , अगर इन कलमों का वजन किया जाए उन कलमों के साथ जो तुमने आज अभी तक पढ़े हैं तो यही भारी रहेंगे वो कलमे ये हैं
सुबहान अल्लाहि वा बि हमदिही अददा खलक़ीही
वा रिदा नफसिही, वा ज़िनाता अरशिही
वा मीदादा कालिमातीही
तर्जुमा : मैं अल्लाह सुबहानहु की पाकी बयान करता हूँ उसकी मख्लुकात की तादाद के बराबर,और उसकी खुशी के बराबर, और उसके अर्श के वज़न के बराबर, और उसके कालीमत की सियाही (ink) के बराबर.
सही मुस्लिम, जिल्द 6, 6913
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