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Sunday, 31 July 2016

अबान बिन उसमान रदी अल्लाहू अन्हु से रिवायत है की

✦ अबान बिन उसमान रदी अल्लाहू अन्हु से रिवायत है की मैने उसमान रदी अल्लाहू अन्हु से सुना की रसूल-अल्लाह सललाल्लाहू अललीही वसल्लम ने फरमाया जिसने (शाम को) 3 मर्तबा ये दुआ पढ़ी

بِسْمِ اللَّهِ الَّذِي لَا يَضُرُّ مَعَ اسْمِهِ شَيْءٌ فِي الْأَرْضِ وَلَا فِي السَّمَاءِ وَهُوَ السَّمِيعُ الْعَلِيمُ

✦ बिस्मिल्लहिल्लज़ी ला यदुर्रू मा-असमीही शयउन फील-अर्दी वा ला फिस-समाई , वा हुवा अस समीउल-अलीम

उसे सुबह तक कोई नागहानी (अचानक) मुसीबत नही पहुचेगी और जिसने ये दुआ सुबह को 3 बार पढ़ी तो शाम तक उसको कोई नागहानी (अचानक) मुसीबत नही पहुचेगी
रावी (हदीस रिवायत करने वाले) कहते हैं की अबान बिन उसमान रदी अल्लाहू अन्हु को फलीज़ हो गया था तो वो शख्स जिसने उनसे ये हदीस रिवायत की थी वो उन्हे देखने लगा तो अबान रदी अल्लाहु अन्हु ने उनसे फरमाया की तुझे क्या हो गया है की इस तरह मेरी तरफ देखता है, अल्लाह की कसम मैने ना तो उसमान रदी अल्लाहू अन्हु पर और ना रसूल-अल्लाह सललाल्लाहू अलैही वसल्लम पर झूट बाँधा है लेकिन जिस रोज़ मुझे ये फालीज़ (लकवा) हुआ उस रोज़ मैं गुस्से में था और ये दुआ पढना भूल गया
(दुआ तर्जुमा : अल्लाह के नाम से शुरू करता हू जिसकी नाम की बरकत से ज़मीन और आसमान की कोई चीज़ नुकसान नही पहुंचा सकती और वही सुनने वाला और जानने वाला है)
सुनन अबू दाऊद, जिल्द 3, 1647 -सही


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