★ अल क़ुरान : कह दो अल्लाह के सिवा जिनका तुम्हे घमंड है उन्हे पुकारो, वो ना तो आसमान ही में ज़र्रा भर इख्तियार रखते हैं और ना ज़मीन में और ना उनका उनमें कुछ हिस्सा है और ना उनमे से कोई अल्लाह का मददगार है
सुरह सबा (34) आयत 22
★ हदीस : अनस बिन मलिक रदी अल्लाहू अन्हु से रिवायत है की रसूल-अल्लाह सल-अल्लाहू अलैही वसल्लम ने फरमाया अल्लाह सुबहानहु क़यामत के दिन दोज़ख के सबसे कम अज़ाब पाने वाले से पूछेगा अगर तुम्हे ज़मीन की सारी चीज़ें दे दी जायें हो तो क्या तुम उसको फिदये में(अज़ाब से निजात पाने को) दे दोगे तो वो कहेगा की हाँ , अल्लाह सुबहानहु फरमाएगा की मैने तुमसे इस से भी आसान चीज़ का उस वक़्त मुतालबा किया था जब तुम आदम की पीठ में थे की मेरे साथ किसी को शरीक ना करना लेकिन तुमने इनकार किया और ना माना और शिर्क ही किया
सही बुखारी, जिल्द 8, 6557
★ अल क़ुरान: बेशक अल्लाह उसको नही बख्शता जो उसका शरीक करे और शिर्क के सिवा दूसरे गुनाह जिसे चाहे बख़्श देता है और जिसने अल्लाह का शरीक ठहराया उसने बड़ा ही गुनाह किया
सुरह अन-निसा (4) आयत 48
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